इसमें ज्वर का कभी कम कभी अधिक होना, गला व होठों का सूखना, निद्रा का न आना, शरीर में रुखापन, कब्ज का होना, शिर, हृदय तथा सब अंगों में टूटन का होना, पेट में अफारा तथा जम्हाई का आना ये मुख्य लक्षण होते हैं।
1। हिंगुलेश्वर रस 125 मि.ग्राम दिन में तीन बार गर्म जल से दें।
2। ज्वर धूमकेतु रस 125 मि.ग्राम दिन में तीन बार गर्म जल से दें।
3। सुदर्शनघन वटी दो गोली दिन में तीन बार उष्ण जल से दें।
4। गोदंती भस्म 125 मि.ग्राम गर्म जल के साथ दो-तीन बार दें।
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