जन्म के बाद नवजात शिशु का भार क्यों घटता या बढ़ता है?

शिशु का वजन जन्म के 48 घंटों के भीतर 8 से 10 प्रतिशत तक घटता है। यह एक नार्मल से बात है और सभी नवजात शिशु के साथ होता है। जन्म के समय शिशु के शरीर में अतिरिक्त द्रव होता है - जो शिशु के जन्म के कुछ दिनों के अंदर तेज़ी से बहार आता है

शिशु का भार में कमी के कारण:

(1)। जब नवजात शिशु का इस नए वातावरण से संपर्क होता है तो उसके शरीर में विद्यमान जल कम होने लगता है। इससे भार कम होता जाता है। त्वचा तथा फेफड़ों में विद्यमान जल पूरी तरह लुप्त हो जाता है।

(2)। शरीर में विद्यमान मिकोनियन निकलता रहता है तथा त्वचा पर विद्यमान श्वेत पदार्थ भी हट जाता है। ये दो कारण भी हैं भार घटने के।

गहराई में जाकर छानबीन करने वालों ने पानी के शरीर से लुप्त होने का फार्मूला भी निकाल दिया है। उनका कहना है कि नवजात शिशु जन्म के बाद पहले 12 घंटों में अपने वजन का 28 ग्राम प्रति किलो पानी निकाल देता है या लुप्त कर देता है।

अगले दो दिनों में उसके शरीर से 45 ग्राम प्रति कि।

ग्राम वजन घटता है। इस प्रकार शिशु पहले चार दिनों में एक से डेढ़ किलो वजन घटा लेता है। ठीक है कि वह मां से भी फीड लेता रहता है। मगर यह फीड भी इस कमी को पूरा नहीं कर सकती। जब शिशु का भार बढ़ने लगता है, तो पहले दो-एक महीनों में यह तेजी के साथ बढ़ता है, फिर यह वृद्धि कुछ कम गति से होती है।

केवल बाल्यकाल ही नहीं, वृद्धि की मात्रा प्रति मास निरंतर घटती रहती है, भले ही बहुत अधिक नहीं।

शिशु के भार की वृद्धि दर:

एक अनुमान के अनुसार पहले एक वर्ष के अंत पर, शिशु के जन्म समय के भार में तीन गुना वृद्धि देखी जा सकती है। यदि इससे कम हो, तो चिकित्सक से परामर्श करें। शिशु के भार में वृद्धि पहले वर्ष में 30 प्रतिशत, दूसरे वर्ष में 25 प्रतिशत तथा तीसरे वर्ष में 10 प्रतिशत की दर से होती रहती है।

शिशु का वजन ‘बेबी-स्केल' से हर सप्ताह करें। आगे भी करते रहें। यदि शिशु किसी भी वर्ष, स्थिर भार रखने लगा है और उसमें वृद्धि नजर नहीं आ रही, तो यह चिंता का विषय है। किंतु यदि वृद्धि हो रही है, तो यही निष्कर्ष निकलता है कि शिशु की देखभाल हर प्रकार से ठीक हो रही है। यदि शिशु का भार स्थिर है, या कम है, तब जरूर चिंता होनी चाहिए। तथा कारण भी तलाशने चाहिए।

रोग का पता लगना चाहिए। इलाज भी होना चाहिए, अन्यथा शिशु के जीवन में भयावह स्थिति आ सकती है। जो बच्चा पूरी तरह से रोग रहित है, स्वस्थ है, उसका भार तो अवश्य बढ़ेगा, गति भले ही कम रहे। भार स्थिर होने या घटने का कारण जानकर, त्रुटियों को समाप्त करें। तथा बच्चे को प्रसन्न रखने की कोशिश करें।

प्रत्येक शिशु के शरीर में प्रति सप्ताह या प्रति मास वृद्धि एक जैसी नहीं होती। यह हर शिशु की प्रकृति तथा उसकी देखभाल पर भी निर्भर करता है।

शिशु के भार में भिन्नता:

जन्म के समय साढ़े तीन और चार किलो वजन वाले बच्चे बहुत ही स्वस्थ माने जाते हैं। नवजात लड़के का भार नवजात लड़की से अधिक होता है। इसी प्रकार पूर्ण पुरुष का भार पूर्ण स्त्री से अधिक हुआ करता है।

आश्चर्य की बात यह है कि नवजात लड़का हो या लड़की, जन्म के समय का भार घटने लग जाता है। प्रतिदिन थोड़ा बहुत घटता जाएगा। चार दिनों तक घटने का क्रम जारी रहता है, फिर धीरे-धीरे बढ़ने लगता है। आने वाले दस-पंद्रह दिनों में बच्चे का भार उतना हो जाता है, जितना जन्म के समय था। फिर तो अच्छी देखभाल के द्वारा उसका भार हर दिन कुछ-न-कुछ बढ़ता जाता है।

पहले चार दिनों में हुई भार की कमी कुल भार का 10 प्रतिशत तक हो ही जाती है। यह बढ़ोत्तरी अगले दस दिनों में, अथवा जन्म के अधिक-से-अधिक 15 दिन में पूरी हो जाती है। यदि शिशु का वजन जन्म के 15 दिनों बाद करें तो यह पहले दिन के भार के समान होगा।

(और पढ़े:- नवजात शिशु के जन्म के बाद होने वाले परिवर्तन)

  • Tags

You can share this post!

विशेषज्ञ से सवाल पूछें

पूछें गए सवाल