पीत ज्वर या पीला बुखार के कारण, लक्षण और बचाव

इस आर्टिकल के माध्यम से आज हम आपको पीत ज्वर से जुड़ी सभी जानकारियों जैसे- पीत ज्वर क्या होता है, पीत ज्वर के कारण क्या-क्या हो सकते हैं, पीत ज्वर के लक्षण एवं पीत ज्वर के बचाव जैसी हर जानकारी से अवगत कराना चाहते हैं ताकि आप इस भयानक बीमारी से खुद को एवं अपने बच्चों को बचा सकें।

पीत ज्वर क्या है? - What Is Yellow Fever In Hindi?

पीत ज्वर एक बहुत ही खतरनाक एवं जानलेवा बीमारी है जो "अबू वायरस" से फैलता है, यह वायरस जंगली मच्छरों एवं बन्दरों में पाया जाता है। मच्छर ही मुख्यत: यह रोग फैलाते हैं। पीत ज्वर में बहुत तेज बुखार आता है, और इसके अन्य लक्षण डेंगू बुखार की तरह ही हैं और यह एक संक्रामक रोग है।

पीत ज्वर "फ्लैवि वायरस" के कारण फैलता है जो "टोगा वायरस समूह" का सदस्य है। पूर्व में फ्लैविवायरस को अर्कोवायरस समूह का सदस्य समझा जाता था।

पीत ज्वर का उद्भवन काल मच्छरों में 8-12 दिन एवं मनुष्यों में 3-6 दिन होते है। पीत ज्वर विश्वव्यापी रोग नहीं है। यह संसार के कुछ विशेष भागों में ही पाया जाता है। एक बार पीत ज्वर हो जाने के बाद व्यक्ति मे जीवन पर्यन्त इस रोग के प्रति रोगरोधक क्षमता विकसित हो जाती है जो 6 माह से छोटे बॅच्चों में यह क्षमता अपनी माता से गर्भकाल में ही प्राप्त हो जाती है।

पीत ज्वर का कारण - Causes Of Yellow Fever

पीत ज्वर के कारण कुछ इस प्रकार से हैं:-

  • जंगली बंदरो के कारण
  • पीत ज्वर फैलने का मुख्य कारण है ऐडेज जाति के मच्छर

या जंगली मच्छरों का उत्पात नजदीकी गाँवों में बढ़ने के कारण

पीत ज्वर का प्रसार - Spread Of Yellow Fever

पीत ज्वर के प्रसार के कारण निम्नलिखित हैं:-

  • ऐडेज जाति के मच्छर इस रोग के प्रसार में अहम् भूमिका निभाते हैं।
  • बन्दरों द्वारा इस रोग का प्रसार आकस्मिक होता है।
  • रोगी व्यक्ति के रक्त का रक्तांतरण किये जाने से
  • संक्रमित सूई से

पीत ज्वर के लक्षण - Symptoms Of Yellow Fever In Hindi

मनुष्य में पीत ज्वर के लक्षण कुछ इस प्रकार से दिखाई देते हैं:-

  • सिर दर्द, बदन दर्द, उलटी, कब्ज, चक्कर आना आदि।
  • तेज बुखार जो 104°F से 106°F तक पहुँच जाता है।
  • रक्तस्रावी बुखार।
  • काले रंग का उलटी होना।
  • व्याकुलता अनुभव होना।
  • मूत्र कम निकलना साथ ही मूत्र में एल्ब्यूमिन उपस्थित होना।
  • बेहोशी छाना।
  • अन्य सभी लक्षण डेंगू बुखार की तरह होना।

5वें से 10वें दिन रोगी की मृत्यु भी हो सकती है।

पीत ज्वर से बचाव के उपाय - Yellow Fever Prevention In Hindi

पीत ज्वार से बचाव के उपाय कुछ इस प्रकार हैं:-

  • रोग का पता चलते ही सही इलाज शुरू कर दें।
  • रोगी व्यक्ति को स्वस्थ व्यक्ति से तब तक अलग रखें जब तक कि वह पूरी तरह स्वस्थ नहीं हो जाए।
  • पीत ज्वर होने की सूचना जिलाधीश, मुख्यचिकित्सा अधिकारी तथा स्वास्थ्य अधिकारी को तत्काल दें ताकि यह महामारी का रूप न धारण कर सके।
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