इस रोग के कीटाणु दूध में पलते हैं। दूषित दूध द्वारा बच्चों तथा बड़ों दोनों को ही दस्त लग सकते हैं। दूध की बोतल गन्दी रहने से उनमें दूध सड़ जाता है तथा पीने वाले को दस्त लग जाते हैं। इस रोग का दूसरा कारण है, भोजन ठीक प्रकार चबाकर न खाना। भोजन जल्दी या घबराहट में खाने से भी दस्त लग जाते हैं।
1। रोगी को विश्राम करना चाहिए।
2। तरल भोजन देना चाहिए, जैसे अरारोट, मट्ठा।
3। नमक चीनी और पानी का घोल से
4। अनार का जूस से
5। मूंग दाल की खिचड़ी से
6। पके हुए केले, सौंफ, आलू से
7। बेल का शरबत से
नोट:- यदि रोग ठीक होने की जगह बढ़ने लगे तो डॉक्टर का इलाज परम आवश्यक है या अस्पताल ले जाना चाहिए।
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