नवजात शिशु में कब्ज के लक्षण । नवजात शिशु को कब्ज होने पर घरेलु इलाज

शिशु को होने वाले रोगों में कब्ज एक बहुत ही सामान्य रोग है। जरा-सी लापरवाही से यह रोग शिशु को लग जाता है। यदि समय पर ध्यान नहीं दिया जाए, तो कब्ज के कारण कई प्रकार के गंभीर रोग पैदा हो जाते हैं, जिनसे शिशु के स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पड़ता है। वह न ढंग से भोजन कर पाता है और न ही उसे पचा पाता है। इससे उसका शरीर तो कमजोर हो ही जाता है, अन्य अंग विशेषकर पाचनतंत्र के प्रभावित होने से उसका स्वास्थ्य लगातार बिगड़ता जाता है। अतः शिशु को कब्ज़ न हो, इसके प्रति माता-पिता को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।

नवजात शिशु में कब्ज के लक्षण

शिशु को हो सकने वाले अनेक रोगों में से एक कब्ज़ भी है। शिशु दिन में एक बार या चार बार मल त्यागे। हर बार नरम, पतला मल हो, तो वह कब्ज़ नहीं है। जो शिशु दिन में एक बार या अधिक बार मल त्याग कर रहा है, मगर हर बार उसे काफी जोर लगाना पड़े। उसे पीड़ा हो तथा रोने लगे, मल सख्त, कड़ा, बंधा हुआ निकलता है। और शिशु को काफी परेशानी होती है।

बच्चो के कब्ज में घरेलु इलाज

जन्म घुट्टी से:- अनेक आयुर्वेदिक फार्मेसीज जन्म घुट्टी बना रही हैं। इसकी खपत भी काफी है। प्रत्येक घर में, प्रत्येक शिशु के लिए प्रतिदिन दिन में दो बार, एक-एक चम्मच घुट्टी एक समय देने से ही 2-3 महीने में काफी शीशियां खर्च हो जाती हैं। देने को तो हर्ज नहीं, फिर भी बहुत लंबे समय तक इसे नहीं देना चाहिए। चूंकि जन्म घुट्टी बनाने में सनाय की पत्तियां डाली हुई होती हैं। सनाय की पत्तियां आंत्र की गति को बढ़ाने वाली होती हैं। ये कब्ज़ तो नहीं होने देतीं, फिर भी इसकी अधिकता हानिकारक सिद्ध हो सकती है।

चीनी या गुड़ से कब्ज में घरेलु इलाज

यदि शिशु को शौच करने में कठिनाई हो रही हो, तो एक बड़ा सरल तरीका है। इसके लिए शक्कर, लाल चीनी तथा गुड़ ठीक रहते हैं। ये मल त्याग करने में सहायक होते हैं। अतः चीनी की जगह लाल-चीनी या कभी कभार गुड़ डालकर दूध पिलाने से बच्चे का पेट जल्दी साफ हो जाता है।

दूध में जितना मीठा चाहिए अथवा जितना आमतौर पर आप डाला करती हैं, कब्ज़ की हलकी शिकायत होने पर इस लाल चीनी की मात्रा थोड़ी बढ़ा दें। मल में रेचकता आ जाएगी। शिशु को मल त्यागने में जोर नहीं लगाना पड़ेगा।

फलों का रस से कब्ज में घरेलु इलाज

अंजीर को यदि भाप में गलाकर उसका रस शिशु के दूध में मिला दें, तो उसकी कब्ज़ की तकलीफ शीघ्र दूर हो जाएगी। मल त्याग करने में कोई कठिनाई नहीं आएगी। वैसे भी अंजीर का रस शिशु को पोषकता प्रदान करेगा। बच्चे के शरीर की अनेक कमियां दूर हो जाएंगी। वह शक्ति प्राप्त कर सकेगा।

जैतून का तेल से कब्ज में घरेलु इलाज

जिस बच्चे को शौच करने में दिक्कत हो रही हो, उसको जैतून का तेल पिलाने से लाभ होता है। रात को सोते समय यदि नन्हें-मुन्ने को छोटा ‘टी-स्पून' पौना या एक (6 महीने तक के बच्चे को पौना, तथा इससे बड़े को एक छोटा चम्मच) जैतून का तेल पिला दें, तो उसको शौच आसानी से आ सकेगा।

फलों से कब्ज में घरेलु इलाज

यदि शिशु फल खा सकने की आयु में अर्थात् डेढ़-दो वर्ष से ऊपर हो जाए, तो उसे प्रतिदिन कुछ-न-कुछ फल दिन में तीन-चार बार जरूर दें। इससे भी उसको कब्ज नहीं हो सकेगा। इसमें सेब तथा पकी अंजीर विशेष गुणकारी होते हैं। कोशिश करके हरे अंजीर भी लिए जा सकते हैं।

मुनक्का से कब्ज में घरेलु इलाज

मुनक्का उबालकर दें, दूध में यदि आप मुनक्का या छुहारे उबालकर दें, तो शिशु को कब्ज़ न होने की गारंटी दी जाती है। ये दोनों शक्तिदायक हैं। एक मुनक्के का दाना या आधा छुहारा एक बार उबाल दें। दो या तीन बार की फीड के लिए काफी रहता है।

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