ज्वर का अधिक होना, दस्त लगना, निद्रा की कमी होना, उल्टी लगना, मुंह से कुछ-कुछ बकना, अधिक प्यास का लगना, हाथों-पैरों में जलन, चक्कर का आना तथा कभी-कभी मूर्छित हो जाना ये पित्त ज्वर के मुख्य लक्षण हैं।
1। सर्वतोभद्र रस 240 मि.ग्राम शहद या गर्म जल से दो-तीन बार दें।
2। गोदंती भस्म 120 मि.ग्राम तथा अमृतासत्व 250 मि.ग्राम दिन में तीन बार शहद या गर्म जल के साथ दें।
3।
प्रवाल पिष्टी 125 मि.ग्राम शहद के साथ दो बार दें। 4। चंद्रकला रस 125 मि.ग्राम दिन में तीन बार गर्म जल से दें।
4.प्यास की अधिकता में गरम पानी या षंडगपानीय का ही प्रयोग करें, वमन या उबकाई हो तो पानी की जगह पिप्लोदक का सेवन कराएं।
5.पिप्लोदक- पीपल की छाल की भस्म 60 ग्राम एक लीटर जल में डालकर एक घंटे बाद निथारकर पानी छान लें। ताप अधिक हो तो बर्फ की थैली या सिरके की पट्टी सिर पर रखें।
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