हृदय रोग (Heart Disease) - कोरोनरी (हृदय) धमनी रोग क्या है, कारण और रोकथाम

असंक्रामक बीमारियाँ जैसे- हृदय रोग, मधुमेह या डायबिटीज (Diabetes),उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure) इत्यादि भी कम घातक नहीं होतीं, अन्तर इतना है कि संक्रामक रोग मनुष्य पर एकदम आक्रमक करके उसके जीवन को खतरा उत्पन्न करते हैं।

जबकि असंक्रामक बीमारियाँ (ये वे बीमारियाँ हैं जो किसी जीवित रोगाणु द्वारा नहीं होतीं) अपेक्षाकृत धीरे-धीरे मनुष्य को मृत्यु की ओर ढकेलती हैं।

जीवन की आपाधापी प्रतिस्पर्धा अनियमित और असंतुलित खान-पान इन रोगों को क्रमशः बढ़ा रहे हैं। अब तो हृदय रोगों के लिए उम्र का भी बन्धन नहीं रहा है।

हृदय रोग क्या है - What Is Heart Disease In Hindi

हृदय रोग क्या है? हृदय रोग आमतौर पर उन स्थितियों को संदर्भित करता है जिसमें संकुचित या अवरुद्ध रक्त वाहिकाएं होती हैं जो दिल का दौरा (Heat Attack), सीने में दर्द (Angina) या स्ट्रोक का कारण बन सकती हैं। अन्य हृदय स्थितियां, जैसे कि आपके दिल की मांसपेशियों, वाल्वों या लय को प्रभावित करती हैं, उन्हें हृदय रोग के रूप भी माना जाता है। अपने दिल को स्वस्थ रखना, आपकी उम्र जो भी हो, सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आप हृदय रोग को रोकने और प्रबंधित करने में मदद कर सकते हैं।

कोरोनरी (हृदय) धमनी रोग क्या हैं ? - What Is Cardiovascular Disease In Hindi

इनको हृदय धमनी (सी। एच। डी.) भी कहते हैं। इन रोगों की जानकारी के पूर्व यदि हम हृदय और हृदय धमनियों (कोरोनरी आर्टरी) की थोड़ी सी जानकारी ले लें तो ठीक रहेगा।

शरीर की प्रत्येक कोशिका को पोषण और ऊर्जा के लिए प्राणवायु आक्सीजन (Oxygen) की आवश्यकता होती है। जो उसे रक्त प्रदान करता है।

चूंकि हृदय शरीर का सबसे अधिक परिश्रम करने वाला अंग है इसलिए उसे प्राणवायु (Oxygen) की कुछ अधिक ही जरूरत होती है। उसकी इस आवश्यकता को पूरा करने के लिए हृदय की ही महाधमीन से निकलने वाली दायीं और बायीं दो हृदय धमनियाँ होती हैं।

ये दोनों हृदय धमनियाँ छोटी-छोटी शाखाओं में बंटकर पूरे हृदय को रक्त प्रदान करती रहती हैं। कहीं-कहीं ये छोटी-छोटी धमनियाँ आपस में जुड़ भी जाती हैं और एक गुच्छे का रूप धारण कर लेती हैं। अंग्रेजी में 'कोरोना' का अर्थ मुकुट होता है। चूंकि इन धमनियों का आकार मुकुट जैसा होता है। इसलिए इन्हें कोरोनरी आर्टरीज कहते है।

हृदय धमनियाँ संकरी होने अथवा उनमें रुकावट के कारण जब हृदय को उसकी आवश्यकता के अनुसार रक्त प्राप्त नहीं हो पाता तो उसका कार्य अव्यवस्थित हो जाता है। इसी को हृदय धमनी रोग या कोरोनरी धमनी रोग कहते हैं।

कोरोनरी धमनी रोग के प्रकार - Types Of Cardiovascular Disease In Hindi

कोरोनरी धमनी रोग के प्रकार की निम्न स्थितियाँ बताई गयी है-

हृदय धमनी रोग मे मुख्य रूप से दो स्थितियाँ बनती हैं-

  • हृदय शूल (Heart Valve) या एन्जाइना पेक्टोरिस
  • हृदय का दौरा या हृदयाघात (Heart Attack) (मायोकार्डियल इन्फॉर्शन)

इसके अलावा इस रोग की तीन स्थितियाँ और बन सकती हैं

  • हृदय की अनियमितताएँ
  • हृदय का फेल होना या शॉक
  • एकदम मृत्यु होना। 

अब हम प्रमुख रूप से एन्जाइना और दिल के दौरे की चर्चा करेंगे।

(1) एन्जाइना पेक्टोरिस- एन्जाइना पेक्टोरिस कोरोनरी धमनी रोग का अहम प्रकार है।​ हृदय धमनी के रोगों की शुरुआत प्रायः बचपन या यौवनावस्था से ही हो जाती है। इस रोग में इन धमनियों के अन्दर की तह मोटी और खुरदरी हो जाती है। जिससे धमनी का व्यास कम हो जाता है। ऐसा धमनी के अन्दर चर्बी युक्त पदार्थ जैसे-कोलेस्ट्राल के जमने के कारण होता है। चर्बी जमने की इस प्रक्रिया को एथेरोस्क्लेरोसिस कहते हैं।

इस कारण हृदय की माँस पेशियों को आवश्यकता से कम आक्सीजन मिलती है। इस स्थिति को एन्जाइना कहते हैं। कम रक्त पहुचने के कारण सीने में दर्द भी होता है। इसे हृदय शूल भी कहते हैं।

अक्सर तनाव या चलने-फिरने या अन्य परिश्रम के पश्चात् इस तरह का दर्द होना शुरू होता है। दर्द सीने के बांई ओर होता है। जो बाँए हाथ की अँगुलियों तक फैल सकता है। रोगी को सीने में भारीपन और बेचैनी भी हो सकती है।

(2) हृदयाघात या दिल का दौरा- हृदय धमनी की यह एक गम्भीर स्थिति होती है। चर्बी या कोलेस्ट्राल जैसे पदार्थ इन धमनियों में जमने के कारण वे खुरदरी और संकरी हो जाती हैं। अब यदि दुर्भाग्य से रक्त में थक्का बनकर इन संकरी धमनियों में से किसी में भी फंस जाता है।

तो वह धमनी पूरी तौर पर अवरुद्ध हो जाती है। इस कारण यह धमनी हृदय तीन हिस्सों की मांस-पेशियों को रक्त प्रदान करती है। वे ऑक्सीजन और पोषण के अभाव में मृत हो जाती हैं। इस स्थिति को हृदयाघात या दिल का दौरा (कोरोनरीथॉम्बोसिस) कहते हैं।

हृदय रोग के कारण क्या है - Cause Of Heart Disease In Hindi

हृदय रोग के कारण क्या है? हृदय रोग हृदय के सभी या कुछ हिस्सों को नुकसान, अंग को पोषक तत्वों और कोरोनरी धमनियों को नुकसान, या ऑक्सीजन की खराब आपूर्ति के कारण होता है। जीवन की क्रियाओ के कई विकल्प हैं जो हृदय रोग के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। इसमें हृदय रोग के कारण निम्न शामिल है:

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हृदय रोग की रोकथाम - Prevention Of Heart Disease In Hindi

आपका अपना डॉक्टर आपके साथ एक दवा खोजने के लिए काम करेगा जो सुरक्षित और प्रभावी है। वे इससे जुड़ी स्थितियों का इलाज करने के लिए दवाओं का उचित उपयोग करेंगे जो हृदय को प्रभावित कर सकते हैं, जैसे कि मधुमेह होने से पहले वे समस्या ग्रस्त हो जाते हैं।

हृदय रोग की रोकथाम के लिए हमे अपने डॉक्टर से परामर्श ले कर ही चाहिए, कई को खून के थक्कों को रोकने के लिए निर्धारित किया जाता है, लेकिन कुछ अन्य उद्देश्यों की पूर्ति करते हैं। लेकिन हम कुछ इस तरह से भी हृदय रोग की रोकथाम करने मे सहायक हो सकते है-

  • अच्छी स्वच्छता का धायन रखे
  • स्वस्थ भोजन खाएं, फलों, सब्जियों और साबुत अनाज पर आधारित भोजन
  • स्वस्थ वजन बनाए रखें
  • वजन को नियंत्रित रखे
  • मधुमेह को नियंत्रण में रखें
  • व्यायाम करें,योगा को अपनी दिनचर्या मे शामिल करे
  • व्यायाम आपको एक स्वस्थ वजन प्राप्त करने और बनाए रखने और मधुमेह, उच्च कोलेस्ट्रॉल और उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है
  • धूम्रपान बंद करे

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