Heart Attack या दिल का दौरा | हार्ट अटैक के कारण, लक्षण और इससे बचाव के उपाय

आजकल हार्ट-अटैक एक आम-सी बात बन गई है। ऐसी खबरें प्रायः सुनने में आती रहती हैं कि फलां व्यक्ति घर से खाना खाकर आ रहा था कि रास्ते में पता नहीं कैसे एकदम गिर पड़ा और गिरते ही उसके प्राण-पखेरू उड़ गए या उस आदमी को पता नहीं क्या हुआ कि रोटी खाने के लिए अभी मुंह में निवाला डाला ही था कि उसी समय एक ओर जा गिरा और इस दुनिया से चला गया। डॉक्टरी परीक्षण से पता चला कि उनको हार्ट-अटैक हो गया था यानी दिल का दौरा पड़ गया था।आजकल हार्ट-अटैक एक आम-सी बात बन गई है। ऐसी खबरें प्रायः सुनने में आती रहती हैं कि फलां व्यक्ति घर से खाना खाकर आ रहा था कि रास्ते में पता नहीं कैसे एकदम गिर पड़ा और गिरते ही उसके प्राण-पखेरू उड़ गए या उस आदमी को पता नहीं क्या हुआ कि रोटी खाने के लिए अभी मुंह में निवाला डाला ही था कि उसी समय एक ओर जा गिरा और इस दुनिया से चला गया। डॉक्टरी परीक्षण से पता चला कि उनको हार्ट-अटैक हो गया था यानी दिल का दौरा पड़ गया था।

दिल या हार्ट का कार्य – Heart Ka Kaam Kya Hota Hai

दिल शरीर का सबसे ज्यादा कीमती अंग है। यह ऐसा अंग है जिसको जिंदगी-भर काम करना पड़ता है और इसे कभी भी आराम नसीब नहीं होता। इसके आराम करने का मतलब है कि आदमी की हमेशा के लिए छुट्टी हो जाएगी।

दिल एक पम्प की तरह काम करता है तथा शरीर के प्रत्येक हिस्से को खून और पौष्टिक तत्त्व पहुंचाता है। मनुष्य का दिल एक मिनट में 70 बार धड़कता है, तथा रात और दिन मिलकर 10,000 बार। इस तरह दिल एक दिन में 2000 गैलन खून पम्प करता है। शरीर के अलग-अलग हिस्सों तक खून पहुंचाना भी दिल का ही काम है और वहाँ से आए गंदे खून को फेफड़ों को भेजना भी दिल का ही काम है।

जो धमनियां दिल को खून पहुंचाती हैं उनको कोरोनरी धमनियां (Coronary Arteries) कहते हैं और जिनके द्वारा गंदा खून फेफड़ों को भेजा जाता है उनको वेन्ज़ कहा जाता है।

बुनियादी तौर पर दिल मांसपेशियों से बना हुआ एक पंप है। और इन मांसपेशियों के सिकुड़ने से यह खुन को पंप करके शरीर के सभी अंगों तक पहुंचाता है। इसके बाद दिल फैलता है जिससे इसके बाए हिस्से में शुद्ध खून भर जाता है। दिल,जो दो धमनियों द्वारा खून प्राप्त करता है जिनको बाई और दाई कारोनरी धमनियां कहते हैं। यदि धमनियों में किसी प्रकार की रुकावट आ जाए तो दिल को मिलने वाले खून की मात्रा में कमी आ जाती है। यदि धमनियों में चर्बी यानि चिकनाई जमी हो तो दिल को पूरी तरह से खून नहीं मिलता, जिससे दिल के रोग, दिल के दौरे और अचानक मृत्यु भी हो सकती है।

हार्ट अटैक क्या होता है – Heart Attack Kya Hota Hai

दिल को कार्य करने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत होती है जो उसको कोरोनरी धमनियों द्वारा आने वाले खून से मिलता है परन्तु कोरोनरी धमनियों में चिकनाई जम जाने से खून के बहाव या दोरा करने में कमी आ जाती है जिससे दिल को ज़रूरत के अनुसार ऑक्सीजन नहीं मिल पाती। इस तरह दिल को ऑक्सीजन की ज़रुरत पड़ने पर ज़रूरत के अनुसार कम मात्रा में ऑक्सीजन मिलने से संतुलन बिगड़ जाता है। इसी असंतुलन के कारण दिल में दर्द होने लगता है, और हार्ट अटक का खतरा बढ़ जाता है।

हार्ट अटैक के कारण – Heart Attack Ke Kaaran

हार्ट अटैक आने के कुछ प्रमुख कराण इस प्रकार हैं:-

  • सिगरेट पीना ज्यादा खून का दबाव यानी हाई ब्लडप्रेशर
  • खून में कोलेस्ट्रोल की ज्यादा मात्रा
  • शुगर की बीमारी
  • मानसिक तनाव
  • मोटापा
  • कम शारीरिक काम तथा व्यायाम न करना
  • खाने-पीने की गलत आदतें
  • खानदानी रोग

किसी परिवार में यदि माता-पिता दिल के रोगी हों तो उनके बच्चों को दिल का दौरा पड़ने या दिल के रोग होने की ज्यादा शंका रहती है। 30 प्रतिशत नौजवानों को दिल के रोग सिर्फ इस कारण होते हैं क्योंकि उनके माता-पिता दिल के रोगों के मरीज थे।

हार्ट अटैक के लक्षण – Heart Attack Ke Lakshan

हार्ट अटैक या दिल के दौरे में आम तौर पर इस तरह के लक्षण पाए जाते हैं:-

  • छाती के बाईं ओर या कुछ मिनटों के लिए बहुत ज़ोर से दर्द होता है या दबाव पड़ता है। इससे बहुत ज्यादा पसीना भी आ सकता है।
  • व्यक्ति की सांस भी फूलने लगती है।
  • कभी-कभी छाती के बाईं ओर दर्द होने की बजाए बाएं कंधे, बाएं हाथ में, गर्दन में, निचले जबड़े में, हथेली या कान के निचले हिस्से में ज़ोर से दर्द होने लगता है।
  • पेट में जलन या भारीपन, पेट दर्द, उबकाई आना या उल्टी आना भी इसके लक्षण हो सकते हैं।
  • घबराहट होना, शरीर एकदम निढाल हो जाना, दिल की धड़कन तेज़ और अनियमित हो सकती है।
  • शुगर के रोगियों में दर्द के बिना भी दिल का दौरा पड़ जाता है।
  • कभी-कभी दिल का रोग (एंजाइना) आराम करने से भी हो जाता है जिसको एंजाइना रोट टैस्ट कहते हैं।

हार्ट अटैक से बचाव के उपाय – Heart Attack Se Bachaav Ke Upaay

हार्ट अटैक से बचाव के उपाय कुछ इस प्रकार हैं:-

  • नौजवानों में दिल के रोगों का मुख्य कारण सिगरेटनोशी है। इसलिए तंबाकू का सेवन बंद करके दिल के रोगों से बचा जा सकता है।
  • जिन व्यक्तियों के माता-पिता दिल के मरीज़ हों उनको हर साल अपना खून चैकअप ज़रूर करवाना चाहिए।
  • खुन की चर्बी में कमी लानी चाहिए। खून की कोलेस्ट्रोल में केवल 10 प्रतिशत मात्रा घटाने से दिल के रोगों में 10 से 15 प्रतिशत कमी लाई जा सकती है।
  • देसी घी की बजाय रिफाइंड तेलों का प्रयोग करना चाहिए।
  • ब्लडप्रैशर पर कंट्रोल रखना चाहिए।
  • यदि व्यक्ति को शुगर रोग है तो उचित दवाइयों का सेवन करके शुगर की मात्रा कंट्रोल में रखनी चाहिए।
  • शारीरिक भार ज्यादा होने की सूरत में भार घटाना ज़रूरी हो जाता है।
  • तनाव भरी जिंदगी से जितना भी बचाव हो सके, करना चाहिए।
  • रोज़ाना सैर, कसरत या योग करना चाहिए। इस तरह हाई ब्लड-प्रैशर और शुगर पर भी कंट्रोल हो जाता है।
  • नींद के बिना नहीं रहना चाहिए। 7 से 8 घंटे ज़रूर सोना चाहिए। इससे मानसिक तनाव भी कम हो जाता है।
  • मांसाहारी भोजन की बजाय शाकाहारी भोजन करना चाहिए।

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