संतुलित भोजन किसे कहते हैं? | शरीर में संतुलित भोजन का कार्य

भोजन मात्र जीवित रहने का साधन नहीं है। भोजन से सम्पूर्ण व्यक्तित्व का विकास होता है, साथ ही स्वास्थ्य और सौन्दर्य वृद्धि के लिए सुपाच्य, स्वास्थ्यवर्द्धक सन्तुलित भोजन नितान्त आवश्यक है। अधिकांश पुरुष-महिलाएं सन्तुलित भोजन से अनभिज्ञ रहती हैं। चाहे जो भरपेट खा लेने से शरीर स्वस्थ नहीं बनता।

अक्सर पुरुष-महिलाएं इसी बात से परेशान रहते हैं कि वे इतना अच्छा और भर पेट भोजन करते हैं, फिर उनका शरीर पतला, त्वचा कांतिहीन, रूखी; चेहरा निस्तेज, हाथ-पैर कमर, पेट, कूल्हे आदि अनुपात में बेडौल क्यों हैं? इसका प्रमुख कारण यही है कि वे संतुलित भोजन किसे कहते हैं-या तो जानते नहीं, या फिर जानते हुए भी उसकी उपयोगिता की अपेक्षा करते हैं।

शरीर में संतुलित भोजन का कार्य

भोजन कई तत्वों से मिलकर बनता है और प्रत्येक तत्व का शरीर में अपना महत्व है। इनमें से कुछ ताकत देते हैं, कुछ शरीर की वृद्धि के लिए आवश्यक हैं और कुछ शरीर की क्रियाओं का संचालन करते हैं।

1. ताकत देना

भोजन शरीर में ईंधन का कार्य करता है। शरीर को भोजन पचाने और उसके उपयोग के लिए, शारीरिक को काम करने के लिए तथा तापमान ठीक रखने के लिए ताकत की जरूरत होती है और यह ताकत भोजन द्वारा मिलती है। ताकत का माप कैलोरी में होता है और यह कैलोरी कार्बोज, वसा तथा प्रोटीन से मिलती है।

एक ग्राम पानी का तापमान एक डिग्री सेन्टीग्रेड बढ़ाने के लिए जितने ताप की आवश्यकता होती है, वह एक कैलोरी के बराबर मानी जाती है।

  • 1 ग्राम कार्बोज - 4.१ कैलोरी
  • 1 ग्राम प्रोटीन - 4.00 कैलोरी
  • 1 ग्राम वसा - 9.0 कैलोरी

भिन्न-भिन्न प्रकार के कार्बोज, वसा और प्रोटीन आदि में अन्तर होता हैं। परन्तु आम तौर पर ऊपर लिखे हुए कैलोरी आंकड़े ही पोषक मूल्य आंकने में प्रयोग किये जाते है।

2. शरीर की वृद्धि तथा तंतुओं की मरम्मत करना

बच्चे बड़े तभी हो सकते हैं जब उनको भोजन से सब उचित तत्व मिलें और जो ताकत में प्रयोग किये गये तत्वों के अतिरिक्त मात्रा में हों। शरीर के तन्तु प्रतिदिन टूटते तथा बनते हैं और यह जरूरत भोजन में से प्राप्त हुए तत्वों से ही पूरी की जा सकती है। मांस-पेशियां शारीरिक अंग रक्त आदि प्रोटीन से बनते हैं।

दांत हड़ियों आदि के लिए भोजन में कैल्शियम तथा फास्फोरस का होना आवश्यक है। और इसी प्रकार शरीर में निरन्तर वसा के जमा होने से उसका उपयोग भी होता रहता है। इन सबकी कमी को भोजन द्वारा ही पूरा किया जाता है।

3. शारीरिक क्रियाओं का संचालन करना

शरीर की विभिन्न क्रियाओं को आरम्भ करने और संचालन करने में भोजन के तत्व सहायता करते हैं। शरीर के रोगों से रक्षा भी करते हैं। यह तत्व हैं-विटामिन और खनिज। इसके अतिरिक्त दो और विशेष तत्व हैं।-हॉर्मोन (Hormone) तथा एन्जाइम (Enzyme) जिनका निर्माण हमारे शरीर द्वारा होता है।

यह दोनों तत्व भी विभिन्न शारीरिक क्रियाओं के संचालित रखने में सहायक होते हैं। इसका निर्माण भोजन में पाये गये तत्वों द्वारा ही होता है।

4. भोजन का पाचन तथा पोषण

भोजन के तत्वों में से पानी, विटामिन, नमक और कुछ कार्बनिक यौगिक ही शरीर द्वारा बिना पचाये उपयोग में लाये जाते है। कार्बोज को साधारण चीनी-ग्लूकोज में बदलना पड़ता है। प्रोटीन को एमिनो एसिड में तथा वसा को फैटी एसिड और ग्लीसरोल में। यह सब कार्य पाचन क्रिया के अन्तर्गत किया जाता है।

यह दो विधियों से होता है।

(1)। इसके द्वारा भोजन को चबा-चबा कर छोटे-छोटे भागों में विभाजित किया जाता है और उसे रेंगने वाली क्रिया के द्वारा अंतड़ियों में आगे की ओर सरकाया जाता है।

(2)। इनके अन्तर्गत वे क्रियाएं सम्मिलित हैं, जिनमें भोजन के तत्वों को पानी में घुलने वाले पदार्थों में बदला जाता है, ताकि उन्हें शरीर द्वारा उपयोग में लाया जा सके। यह क्रियाएं एनजाइम द्वारा की जाती हैं।

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