एसिडिटी या अम्लपित्त के आयुर्वेदिक व घरेलु इलाज के नुस्के

जिस रोग में आमाशय में बहुत अधिक अम्ल बनने लगे, गले एवं हृदय प्रदेश में जलन महसूस होती हो उस रोग को एसिडिटी या अम्लपित्त कहते हैं।

एसिडिटी व अम्लपित्त के लक्षण

भोजन का पाक न होना, पेट एवं छाती में जलन, अफारा, पेट में गुड़गुड़ाहट, हृदय एवं गले में जलन, अरुचि, खाया हुआ भोजन ऊपर आने को हो ऐसा लगता है, भोजन का मुख में आना, जी मिचलाना, खट्टी कड़वी डकार का आना, कोई भी कार्य किए बिना थकावट, सारे शरीर में भारीपन, अंगों का टूटना, सिर में वेदना, मल ग्रंथियुक्त गाढ़ा एवं पतला किसी भी प्रकार का होना आदि। अम्लपित्त रोग के लक्षण हैं।

एसिडिटी व अम्लपित्त दो प्रकार के होते हैं।

उर्ध्वगामी - इसमें हरा, पीला, नीला, काला, लाल रंग का अत्यंत खट्टा, खारा चरपरा, चिपचिपा, लाल काला वमन, गले, खाली पेट में जलन, खट्टी चरपरी धुएं जैसी डकारें आती हैं। सिर में दर्द, हाथ पैरों में जलन, मिचली अपचन व बुखार भी आता है।

अधोग रक्तपित्त - कभी प्यास, जलन, मूर्छा, भ्रम, चक्कर, हरा पीला, काला या रक्तवर्ण का दुर्गंधित अम्लपित्त गुदा से निकलता है। मिचली, पसीना, पांडुता आदि दिखाई पड़ते हैं।

एसिडिटी व अम्लपित्त में घरेलु इलाज

साधारण अम्लपित्त केवल आंवले का रस 6 मि.लि। दो बार के पीने से ही शांत हो जाता है।

(1) सूतशेखर रस 250 मि.ग्राम शहद के साथ दिन में तीन बार दें।

(2) लीलाविलास रस 250 मि.ग्राम दिन में दो बार शहद के साथ दें।

(3) कामदुधा रस 250 मि.ग्राम दिन में दो बार शहद के साथ दें।

(4) धात्रीलौह 250 मि.ग्राम पानी में साथ दो बार दें।

(5) सितामंडूर 500 मि.ग्राम दिन में दो बार पानी के साथ दें।

(6) प्रवाल पंचामृत 250 मि.ग्राम दिन में दो बार दें।

(7) नारिकेल खंड 5-10 ग्राम दिन में दो बार दूध के साथ दें।

(8) पटोलादि क्वाथ 10 मि.लि। दिन में दो बार दें।

(9) अविपत्तिकर चूर्ण दो ग्राम दो-तीन बार जल के साथ दें।

(10) कष्मांड खंड अवलेह 10 ग्राम दिन में दो बार दें।

(11) उशीरासव 15-30 मि.लि। दिन में दो बार भोजन के बाद जल के साथ दें।

(12) स्वर्ण सूतशेखर 120 मि.ग्राम दिन में दो बार शहद के साथ दें।

लाभ:- चोकरयुक्त आटे की रोटी, हरी सब्जियां, तोरई, पलवल, कद्दू, दलिया, खिचड़ी, छाछ, अनार, किशमिश, मीठे एवं ठंडे पदार्थ, सफेद पेठे का रस व आंवला आदि हितकर हैं।

नुकसान:- पुड़ी, हलवा, तली चीजें, उड़द, राजमा, गर्म मसाला, अचार, नमकीन, लाल मिर्च, तीखे पदार्थ चाय, धूम्रपान आदि हानिकारक हैं।

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