मनुष्य भी अजीब प्राणी है। पहले बिना ज़रूरत खाकर मोटा हो जाता है और बाद में मोटापा घटाने के लिए डायटिंग शुरू कर देता है। विशेष तौर पर लड़कियां तथा औरतों में डायटिंग करने का रुझान कुछ ज्यादा ही बढ़ रहा है। यह बात हमें गांठ बांध लेनी चाहिए कि जैसे मोटापा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, उसी तरह डायटिंग करने या व्रत रखने से शरीर को लाभ होने की बजाय हानि ही होती है क्योंकि हम सही तरीके से डायटिंग नहीं करते है।
आजकल तो अखबारों, मैगज़ीनों तथा टी.वी। पर पतले होने के जोरों से विज्ञापन होते हैं। एक सप्ताह में 5 किलो वज़न घटाएं और उसके साथ ही किसी आदमी या औरत की फोटो छपी होती है जो यह दर्शाती है कि उस स्लीमिंग सेंटर में आने से या एक विशेष दवाई का सेवन करने से उस औरत या आदमी का वज़न कम हो गया है। या वहां आने से पहले उनकी कमर इतनी मोटी थी और वहां आने से इतने इंच कमर पतली हो गई। यह सब तो लोगों को बेवकूफ बनाने के तरीके हैं। हम सभी जानते हैं कि ज्यादा खाने और कम शारीरिक काम करने से ही शारीरिक वज़न में बढ़ोतरी होती है,
यद्यपि हम यह कभी भी नहीं मानेंगे कि हम ज़रूरत से ज्यादा खाते हैं। लेकिन यह तो एक सच्चाई है कि मोटापा ज़रूरत से ज्यादा खाने से होता है। इसलिए खाने-पीने पर सही ढंग से कंट्रोल करके ही वज़न घटाना चाहिए। वैज्ञानिक ढंग से डायटिंग करके एक सप्ताह में 500 ग्राम या एक महीने में दो किलो से ज्यादा वज़न नहीं घटाना चाहिए। यह बात भी याद रखनी ज़रूरी है कि यदि आप डायटिंग द्वारा अपना वज़न घटा भी लें तो भी बाद में लापरवाह होने से और सही डायटिंग बंद करने के बाद दोबारा आपका वज़न बढ़ने लगेगा।
यदि आप फास्टिंग करना चाहते हैं तो पहले शरीर को उसके लिए तैयार कर लें। न तो एकदम व्रत रखना शुरू कर दें और न ही व्रत समाप्त होने के बाद एकदम डटकर खाना शुरू कर दें। मान लो आप सोमवार को व्रत रखना चाहते हैं तो शनिवार तथा रविवार को यानी दो दिन पहले ही हल्का खाना शुरू कर देना चाहिए जैसे कि खिचड़ी, दलिया, सूप और कुछ सब्जियां आदि। अधिक फैट यानी चिकनाई वाली तथा प्रोटीन वाली खुराक का सेवन नहीं करना चाहिए। इस प्रकार आपका शरीर फास्टिंग के लिए तैयार हो जाएगा।
तब फिर यदि फास्ट यानी व्रत या फाका पूरा हो जाए तो फल, जूस या सलाद का सेवन करना चाहिए। तुरंत परांठे या ज्यादा प्रोटीन वाली वस्तुएं नहीं खानी चाहिए। इसके अगले दिन भी थोड़ी-सी खिचड़ी, अंकुरित दालें, सलाद, दलिया आदि का सेवन करना चाहिए। प्रतिदिन खाए जाने वाले आपके मनपसन्द भोजन का सेवन भी अभी नहीं करना चाहिए। इस प्रकार का भोजन तो आप तीसरे दिन ही कर सकते हैं। हमारे शरीर को भी हमारी तरह खाने-पीने की आदतें पड़ी होती हैं जैसे कि सुबह ब्रेकफास्ट करना या शाम को चाय के साथ बिस्कुट या भुजिया खाना। यदि आप ऐसा नहीं करेंगे तो विदडराल (withdrawl) लक्षण पैदा होने लग जाते हैं जैसे सिर भारी लगना, सिर चकराना तथा चिड़चिड़ाहट होने लगती है।
परन्तु इन लक्षणों से घबराना नहीं चाहिए। यदि सचमुच ही फास्टिंग करनी है तो उसको सही तरीके से करना चाहिए ताकि शारीरिक वज़न भी कम हो सके और शरीर को भी लाभ प्राप्त हो। सही ढंग से फास्टिंग करने से आप अपने आपमें ज्यादा स्फूर्ति पाएंगे, आपको गहरी नींद आएगी, आप हल्के और चुस्त-दुरुस्त महसूस करेंगे, आपका काम में भी मन लगेगा और कुछ नया करने के लिए भी उत्साह पैदा होगा। फास्टिंग के समय यदि आपको भूखा रहना मुश्किल लगे तो आप ज्यादा पानी पी सकते हैं। आप चाहें तो एक गिलास में थोड़ा-सा ग्लूकोज़ या आधा चम्मच चीनी और थोड़ा-सा नमक डालकर नींबू भी निचोड़ सकते हैं। इस प्रकार आपके शरीर को कुछ ताकत भी मिल जाएगी और सिस्टम को शुद्ध करने में मदद भी मिलेगी।
इसमें कोई शक नहीं कि सही ढंग से की हुई डायटिंग से प्रत्येक को लाभ होता है। परन्तु फिर भी हर व्यक्ति को डायटिंग नहीं करनी चाहिए। नीचे लिखे व्यक्तियों को न तो डायटिंग करनी चाहिए और न ही व्रत आदि रखने चाहिए।
हमें खाली समय का सदुपयोग करना चाहिए। कम कैलोरी वाली वस्तुओं का प्रयोग खाने में करना चाहिए
पूछें गए सवाल