ब्लड प्रेशर (रक्तचाप) क्या है | ब्लड प्रेशर के प्रकार और घरेलु चिकित्सा

साधारणतः साठ वर्ष की आयु में स्वस्थ व्यक्ति का डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर 80 होता है। उसमें उस व्यक्ति की आयु को जोड़ने से उसका सिस्टोलिक ब्लड प्रेशर 140 मि.मी। पारदांक होना चाहिए। स्त्रियों में पुरुषों से दस मि.मी। तक कम हो सकता है। सिस्टोलिक एवं डायस्टोलिक प्रेशर के अंतर को नाड़ी का प्रेशर या पल्स प्रेशर कहते हैं। ब्लड प्रेशर 150/90 से अधिक होने को हाई ब्लड प्रेशर माना जाता है। साधारणतया एक वर्ष की आयु में 75/60 तथा तीस वर्ष की आयु में 120/80 पाया जाता है।

ब्लड प्रेशर दो प्रकार का होता है

1। हाई ब्लड प्रेशर

2। लो ब्लड प्रेशर

चिकित्सा

उच्च रक्तचाप में शारीरिक व मानसिक दोनों प्रकार का विश्राम, पेट साफ करने के लिए रात में एक बार हरड़ के चूर्ण में इसबगोल मिलाकर दूध से लें। हलके, जल्दी पचने वाले फलों के रस, गो दुग्ध आदि और कम भोजन का निर्देश करें। नमक, कटु, तीक्ष्ण, जलन करने वाले भारी भोजन का त्याग कराएं। रोगी को चिंता, ईर्ष्या, द्वेष, लोभ, क्रोध, अहंकार तथा संघर्षमय दौड़-धूप से बचाना चाहिए।

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