बाल अतिसार (दस्त का लगना) रोग के कारण, लक्षण और घरेलु इलाज

दूध पीने वाले और अन्न खाने वाले शिशुओं को दूषित दूध के कारण दस्त लगते हैं। किंतु बालातिसार अन्न खाने वाले को भी, आहार दोष के सिवा अन्य कई कारणों से होता है। कई बार कान की सूजन से, दिमाग की सूजन से, सांस के रोग से तथा दांत निकलने के समय भी दस्त और उल्टी होती है। रोग में पहले मल हरा, बदबूदार फटा हुआ और कभी आंव से युक्त होता है। बच्चे को बुखार भी रहता है। बाद में रोग की तेजी हो जाने पर मल जलीय तथा बिना गंध के होता हैं। जीभ सूख जाती है। मूत्र में गाढापन, नाड़ी की तेजी आदि लक्षण होकर जल की कमी हो जाती है।

बाल अतिसार में घरेलु इलाज

  • बालकों के बुखार, दस्त, उल्टी एवं कास में बाल चतुर्भद्रिका (अतीस, काकडासिंगी, मोथा, पिप्पली) काफी हितकर है।
  • बालार्क रस 100 मि.लि., दाड़िमचतुसम 500 मि.ग्राम में मधु मिलाकर तीन-चार बार देने से वमन, दस्त में उत्तम लाभ करता है।
  • बालामृत एवं बेल का क्वाथ भी उत्तम योग है।
  • त्रिफला काढ़ा एक दो बार दिन में देना चाहिए।
  • हरीतफल की छाल का काढा दिन में दो बार दें।
  • अमलतास के फल की मज्जा को पानी में उबाल कर दें।
  • अरविंदासव भी अति उपयोगी औषधि है।

(और पढ़े: पिप्पली के फायदे)

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