बच्चों के सूखा रोग | बच्चों के सूखा रोग के लक्षण और घरेलु इलाज

छोटे बच्चों का यह मुख्य रोग है जो हमारे देश में बहुत मिलता है। इसका मुख्य कारण खानपान की कमी अथवा यह पाचन संबंधी विकारों के कारण होता है। बाल शोष की चिकित्सा न होने पर प्रायः टी। बी। आदि जैसे कष्टदायक रोग हो जाते हैं।

बच्चों में सूखा रोग के लक्षण

त्वचा के नीचे पाए जाने वाले मेद का नाश होना, त्वचा में झुर्रियां सलवटों का होना, गालों में गड्ढे, जगह-जगह हड्डियों के उभारों का दिखना, दीन-हीन मलिन आकृति, पेट की दीवार का पतला पड़ जाना, तापक्रम का तीन-चार अंश कम होना आदि लक्षण मिलते हैं।

बच्चों में सूखा रोग का घरेलु इलाज

  • उचित पोषण
  • मालिश करना
  • बल देने वाले पदार्थों का सेवन
  • शुद्ध सर्जिका (सोडा वाई कार्व) मिलाकर चूर्ण दिया जाता है।
  • अंडे को तोड़कर बच्चे को उस पर बैठा दें।
  • अंडे का द्रव गुदा द्वारा वेग से खिंच जाएगा।
  • एक माह तक यही प्रक्रिया करने से रोग दूर हो जाता है।
  • कच्छप भस्म भी हितकर है।
  • कुमार कल्याण रस 50 मि.ग्राम मिश्री व दूध से दिन में दो बार दें।
  • सुधाष्टक योग 120 मि.ग्राम गो दुग्ध में मिलाकर दें।
  • मृग श्रृंग भस्म, शंबूक भस्म, कुकुटांडत्वक भस्म, स्वर्ण बसंतमालती रस, मुक्ता पंचामृत रस, मुक्तादि वटी, बालपंचभ्रद रस, बलाबल अनुसार दें।
  • अरविंदासव जल में मिलाकर दें।
  • शतावरी तेल, बला तेल, बला लाक्षादि तेल, चंदन बला लाक्षादि तेल की सारे शरीर पर मालिश करें।

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