आंवला के फायदे - आंवला के चूर्ण के फायदे | Amla Ke Fayde In Hindi

आंवला को संस्कृत में 'अमृतफल', 'धात्री', 'शिवा', 'आमलक' आदि नामों से पुकारा जाता है। यह अपने नाम के अनुसार ही गुणी है। मानव शरीर के लिए यह अत्यंत हितकारी है। इसका वृक्ष बीस से तीस फुट तक ऊँचा होता है। इसकी पत्तियाँ इमली के पत्तों जैसी होती हैं। इसके फल नींबू की तरह हरे रंग के होते हैं और कठोर होते हैं। कच्चे आम की तरह से इसके फल पर धारियाँ होती हैं और इसमें एक ही कठोर बीज होता है और इसका तना मोटा होता है।

आंवला के रोगोपचार में फायदे

आंवले का वृक्ष प्राकृतिक रूप से जंगलों में पाया जाता है। इसे उद्यानों में भी लगाया जाने लगा है। इसमें पीले रंग के फूलों के गुच्छे लगते हैं। इसकी तासीर ठण्डी होती है। इसके सेवन से आदमी दीर्घायु होता है। इसके फल का स्वाद खट्टा होता है। यह फल पेट के समस्त रोगों का नाश करने वाला अत्यंत शक्तिर्द्धक होता है। यह रक्तशोधक और वीर्य को पुष्ट करने वाला होता है। आंवला वात, पित्त और कफ नाशक है। यह शरीर के विकारों का शोधक होता है।

1. मधुमेह या शुगर में आंवला के फायदे

आजकल मधुमेह या शुगर की बीमारी घर-घर में देखने को मिलती है। यह धीरे-धीरे जान लेवा बीमारी है जो शरीर को तोड़कर देती है। इस रोग में आंवले का चूर्ण एक चम्मच, करेले के बीजों का चूर्ण एक चम्मच, जामुन की गुठली का चूर्ण एक चम्मच। तीनों को मिलाकर तीन पुड़िया बना लें और दिन में तीन बार सुबह, दोपहर और शाम को इसे पानी के साथ लें। इसका निरंतर प्रयोग करते रहें। 'मधुमेह रोग शांत रहेगा। प्रात:काल लंबी सैर पर भी अवश्य जाएँ।

2. बुद्धि विकास में आंवला के फायदे

आंवले का प्रयोग बुद्धि विकास में बड़ा उपयोगी है। इसे मुरब्बे के रूप में और चूर्ण के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। यह दिमाग को ताकत देता है, स्मृति-शक्ति को तेज करता है, और सिर के बालों को काला करता है। इसका तेल भी बनाया जाता है, जो केशों के लिए अत्यंत हितकारी है।

3. पेट के रोग में आंवला के फायदे

पेट की आँतों के शुद्ध करने तथा मसाने की गर्मी को शांत करने में आंवले का सेवन अत्यंत गुणकारी है। वायु विकार, कब्ज, अपच, मन्दाग्नि, आँतों की सड़न, पेट के कीड़े, पित्त, कफ, रस-विकार, वीर्य-दौर्बल्य आदि रोगों में आंवले का प्रयोग अत्यंत लाभदायक है। आंवले को सुखाकर उसका चूर्ण बनाकर शीशी में भरकर रख लें। जब कभी पेट में 'अजीर्ण' या 'अपच' या चाय विकार' की शिकायत हो, तो इस चूर्ण का एक चम्मच दूध के साथ रात्रि में सेवन करें। खाना खाने के बाद इसका सेवन सभी प्रकार के भोजन को पचा देता है। और कब्ज की शिकायत नहीं रहती।

4. वीर्य-दौर्बल्य एवं कफ में आंवला के फायदे

सूखे आंवले का चूर्ण एक चम्मच लेकर उसमें 2 ग्राम लौह भस्म मिला लें और उसे दूध के साथ नियमित रूप से पन्द्रह दिन लें। इससे वीर्य की दुर्बलता दूर होती है और सतम्भन शक्ति बढ़ती है। कफ में भी आराम मिलता है। इससे शरीर में स्फूर्ति व ताजगी महूस होती है।

5. रक्त विकार में आंवला के फायदे

आंवले का चूर्ण एक चम्मच प्रतिदिन सुबह-शाम दूध या ताजे जल के साथ लेना चाहिए। इससे रक्त शुद्ध होता है और खाँसी में भी आराम मिलता है।

6. त्वचा रोग में आंवला के फायदे

विविध चर्म रोग यथा फोड़े-फुसी, खुजली, दाद, छाजन, कुष्ठ रोग, त्वचा का फटना या रूखी होना शरीर को बेहद पीड़ा पहुँचाने वाले रोग है। इसके लिए आंवले का चूर्ण प्रतिदिन 5 ग्राम, 3 ग्राम हल्दी पिसी हुई, शहद 2 चम्मच के साथ चाटना चाहिए। कुछ ही दिनों में त्वचा कोमल होनी शुरू हो जाएगी और चर्म रोग स्वत: ही मिट जाएँगे।

7. केश रोग में आंवला के फायदे

सिर में यदि रूसी (डेन्ड्रफ) हो जाए, बाल रूखे हो जाएँ, बाल झड़ने लगें या बालों में कोई अन्य रोग हो जाए तो आंवले का तेल (शुद्ध) प्रयोग करें। स्वयं निकाला हुआ तेल ज्यादा लाभदायक होता है। बाजार में मिलने वाले तेलों में आंवले का 'एसेन्स' (खुश्बू)मिला होता है। वह इतना कारगर नहीं होता। आंवले का तेल हमेशा सूखे बालों में ही लगाना चाहिए और उसे अच्छी प्रकार से मलना चाहिए। रात्रि में सोने से पहले इसका प्रयोग करने से ‘अनिद्रा' जैसा रोग भी समाप्त हो जाता है।

8. केश काला करने में आंवला के फायदे

30 ग्राम सूखा आंवला, बहेड़ा 10 ग्राम, आम की गुठली (गिरी) 50 ग्राम, लौह चूर्ण 10 ग्राम लेकर लोहे की कढ़ाई में भिगो दें। सुबह नित्य इसका लेप बालों में करें। कुछ ही दिनों में केश काले पड़ जाते हैं।

9. हिचकी और उल्टी में आंवला के फायदे

आंवले के 1 चम्मच रस में पीपल का जरा-सा चूर्ण मिलाकर शहद के साथ रोगी को चटाएँ। 'हिचकी' बंद हो जाएगी। आंवले के रस में पिसी हल्दी और शहद मिलाकर चटाने से उल्टियाँ' बंद हो जाती हैं।

10. आँव, पेचिस, दस्त आदि में आंवला के फायदे

सूखे आँवलों को पानी में भिगोकर रख दें। जब वे मुलायम हो जाएँ, तब उनमें थोड़ा-सा काला नमक मिलाकर सिल पर पीस लें। फिर उसकी छोटी-छोटी गोलियाँ बनाकर छाया में सुखा लें। दिन में खाना खाने के बाद दो गोलियाँ मुँह में डालकर चूसें । एक सप्ताह तक इस क्रिया को दोहराएँ। निश्चित रूप से लाभ होगा। सूखा आंवला 20 ग्राम, चित्रमूल 20 ग्राम, सेंधा नमक 5 ग्राम, तीनों को पीसकर रख लें और 3-3 ग्राम की मात्रा में दिन में दो बार गर्म पानी से इसका सेवन करें। ‘पेचिस' में बड़ा आराम मिलेगा। यदि आँव हो और रक्त भी आता हो तो आंवले के 10 ग्राम चूर्ण को शहद के साथ चाटना चाहिए और ऊपर से बकरी को ताजा दूध पीना चाहिए।

11. श्वेत प्रदर में आंवला के फायदे

आंवले का चूर्ण मिश्री और शहद मिलाकर सुबह-शाम सेवन करने से श्वेत प्रदर' दूर हो जाता है। सिर दर्द- गुलाब के जल में आंवले के चूर्ण को मिलाकर माथे पर लेप करें। सिर दर्द में तत्काल आराम मिलेगा।

12. चेहरे के मुँहासे में आंवले के फायदे

सूखे आंवले को कूटकर उसे रात्रि में पानी में भिगो दें और प्रात:काल उस पानी से चेहरा धोएँ। चेहरे के कील-मुंहासे दूर हो जाएँगे और चेहरे पर चमक उभर आएगी।

13. चेचक के दाग में आंवला के फायदे

चेचक में सूखे आंवले का चूर्ण 10 ग्राम, तिल 10 ग्राम,दोनों को पानी अथवा दूध में पीस लें और उसका लेप दागों पर करें। कुछ ही दिनों में दाग दूर हो जाएँगे। एक माह तक इसका प्रयोग अवश्य करें।

14. नेत्ररोग में आंवला के फायदे

रात में भिगोए सूखे आंवले के पानी से आँखें धोने पर आँखों में बहुत से रोग दूर हो जाते हैं और रोशनी बढ़ जाती है। आंवले का महीन पिसा कपड़छन चूर्ण, रसोंत और शहद में मिलाकर आँखों में स्याही (काजल) की तरह से लगाने पर रोहे, फूले,लाली कट जाती है और दृष्टि तेज हो जाती है। आंवले के 10 ग्राम रस के साथ कृष्णा सर्पवसा 10 ग्राम, शहद 20 ग्राम मिलाकर आँखों में सलाई से सुरमें की तरह लगाएँ। इससे नेत्र ज्योति बढ़ती है।

(और पढ़ें - रूसी (डेन्ड्रफ) से मुक्ति का उपाय)

 

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