पुराने रोग (Chronic Diseases), लक्षण एवं कारण

​पुराने दर्द तथा पुराने रोग जो बार-बार आते हैं, उनकी यह पहचान है कि वे उभरने से पहले विशेष लक्षण प्रकट करते हैं। यदि इन लक्षणों का नीचे बताई विधियों से अध्ययन किया जाए तो अनेक रोग-उन्मूलक विधियों का इस्तेमाल करके रोग से पहले के लक्षणों में लौटा जा सकता है, तथा अपने अनेक प्रकार के दर्दो व रोगों से मुक्ति पाई जा सकती है।

धीरे-धीरे रोग-उन्मूलन के अभ्यास तथा संबंधित सुरक्षात्मक उपाय इतने स्वत: स्फूर्त हो जाते हैं कि रोग के मूल कारणों को आसानी से पता लगाकर उन्हें समाप्त किया जा सकता है। नीचे कुछ उदाहरणों के माध्यम से दिखाया गया है किस प्रकार यह सब अभ्यास से सम्भव है।

गले में तकलीफ - Sore Throat In Hindi

गले में खराश दर्द, खरोंच या गले की जलन है जो अक्सर निगलने पर बिगड़ जाती है। गले में खराश (ग्रसनीशोथ, pharyngitis) का सबसे आम कारण एक वायरल संक्रमण है, जैसे कि सर्दी या फ्लू। गले में खराश वायरस के कारण होता है। जिससे गले मे तकलीफ होती है।

स्ट्रेप थ्रोट (streptococcal), बैक्टीरिया के कारण होने वाले एक कम सामान्य प्रकार के गले में खराश है, जटिलताओं को रोकने के लिए एंटीबायोटिक दवाओं के साथ उपचार की आवश्यकता होती है। गले में खराश के अन्य कम सामान्य कारणों में अधिक जटिल उपचार की आवश्यकता हो सकती है।

गला खराब होने के लक्षण - Sore Throat Symptoms In Hindi

गला खराब होने के लक्षण निम्न प्रकार है-

  • बार-बार अपने गले में खराश होना।
  • बेचैनी महसूस करना।
  • जब आप सवेरे सोकर उठते हैं तो प्राय: आपको लगता है कि आपका गला खराब है या फिर कुछ सप्ताह तक ठीक रहने के बाद आपका गला फिर खराब हो जाता है। हर बार यह कुछ दिन तक खराब ही रहता है।
  • गर्दन में सूजी हुई ग्रंथियाँ
  • निगलने में परेशानी
  • तेज आवाज मे बोलने से गला खराब होना

गले की पुरानी बीमारी के कारण: Causes Of Sore Throat In Hindi

सामान्य सर्दी और फ्लू (Influenza) के कारण बनने वाले वायरस भी गले में खराश पैदा करते हैं। अक्सर, जीवाणु संक्रमण के कारण गले में खराश होती है। पालतू जानवरों की रूसी, मोल्ड्स, धूल और पराग से एलर्जी के कारण गले में खराश हो सकती है।

 

  • यह अधिक गर्म या अधिक ठंडा खाने अथवा पीने या फिर गर्म पेय के साथ शीतल पेय लेने से होता हो
  • प्रदूषित अथवा धूल-भरी वायु के कारण ऐसा होता हो।
  • जुकाम या ख़ासी
  • तोंसिल्लितिस(tonsillitis)
  • ग्रंथियों के बुखार(glandular fever)

गले का दर्द कैसे ठीक करे (उपाय): Treatment Of Sore Throat In Hindi

गले में खराश को रोकने का सबसे अच्छा तरीका उन कीटाणुओं से बचना है जो उन्हें पैदा करते हैं और अच्छी स्वच्छता की आदत का अभ्यास करते हैं। इस प्रकार इन सुझावों का पालन करें और अपने बच्चे को भी ऐसा करना सिखाएं:

  • अपने हाथों को अच्छी तरह से और बार-बार धोएं, खासकर शौचालय का उपयोग करने के बाद, खाने से पहले और छींकने या खांसने के बाद
  • साबुन और पानी उपलब्ध नहीं होने पर हाथ धोने के लिए विकल्प के रूप में अल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइज़र का उपयोग करके सफाई का ध्यान रखे
  • आप अधिक ठंडे अथवा अधिक गर्म पदार्थ लेने बंद कर दीजिए (खासकर उन लोगों के लिए जिनकी गले की खराबी अभी पुरानी नहीं हुई है)
  • गला, नाक तथा सीने की सफाई से संबंधित योग-क्रियाएँ करना। इन क्रियाओं को जलनेति तथा जलधौति कहा जाता है और ये दोनों क्रियाएँ गले और नासिका-मार्गों की सफाई करती हैं तथा इन अंगों की आंतरिक कोशिका-पंक्तियों को संक्रमण-प्रतिरोधी बनाती हैं जिससे नाक व गले के संक्रमण से बचा जा सकता है। ये वायु प्रदूषण का मुकाबला करने की क्षमता भी प्रदान करती हैं।

और पढे- जलनेती क्या है?कैसे की जाती है की विस्तृत जानकारी

पेट के रोग - Stomach Diseases In Hindi

पेट के रोग रोगों के उन्मूलन हेतु किया गया है, उसी प्रकार पेट के रोगों के मामले में किया जाना चाहिए। रोग के मूल कारणों को अपने अन्दर खोजना चाहिए। हर व्यक्ति को अपनी मूल प्रकृति के अनुसार भोजन करना चाहिए।

कुछ लोगों की पाचन-शक्ति तेज होती है और वे भारी भोजन को भी बड़ी मात्रा में पचा सकते हैं जबकि कुछ की पाचन-शक्ति इतनी कमजोर होती है तो वे भारी, वसायुक्त तथा तली हुई चीजें बिलकुल भी नहीं पचा पाते। तनिक-सी असावधानी से उनका पेट खराब हो जाता है। यदि बार-बार होने वाली पेट की गड़बड़ियों की अनदेखी की जाए तो परिणाम बहुत खराब हो सकते हैं जैसे- पेट मे अल्सर आदि रोगों का हो जाना।

और जाने- अल्सर क्या है? के बारे मे विस्तृत जानकारी

पेट खराब होने के कारण - Upset Stomach Causes In Hindi

पेट खराब होने के कारण निम्न प्वाइंटो मे बताए गए है-

  • फूड पाइज़निंग के कारण– खाद्य जनित बीमारी, जिसे आमतौर पर फूड पॉइजनिंग कहा जाता है, दूषित, खराब या विषाक्त भोजन खाने का परिणाम है। खाद्य विषाक्तता के सबसे आम लक्षणों में मतली, उल्टी और दस्त शामिल हैं।
  • कुछ लोग तनाव की स्थिति में उदरीय मांसपेशियों को भीतर की ओर खींचते हैं। इसका पेट की समस्त मांसपेशियों तथा स्नायुओं पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। इससे प्राय: अपच तथा अम्लता हो जाती है। बार-बार ऐसा होने से अल्सर तक हो सकता है।
  • जरूरत से ज्यादा खाना या पीना पेट खराब होने का सबसे बड़ा कारण।
  • धूम्रपान करना।
  • शराब और कैफीन का अधिक सेवन करना।
  • तेजी से भोजन करना या दौड़ते हुए अथवा चलते हुए खाना खा लेना।
  • दर्दनाशक अथवा गठिया रोग की दवाओं के दुष्प्रभाव से भी पेट रोगी हो सकता है।
  • बैठने का गलत ढंग तथा तनावपूर्ण परिस्थितियां भी पेटरोग का कारण बन सकती हैं।
  • बहुत देर तक झुककर बैठे रहना, लम्बी-लम्बी यात्राएँ करना, गलत मुद्राएँ धारण करना पेट खराब कर देता है। 

पेट दर्द के अलावा, आप नीचे दी गई चीजे भी अनुभव कर सकते हैं

  • सूजन
  • गैस
  • दस्त
  • कब्ज

और पढे- गठिया रोग क्या है?के बारे मे विस्तृत जानकारी

पेट खराब होने पर घरेलू उपचार - Home Remedies For Upset Stomach In Hindi

सबसे पहले पेट खराब होने पर घरेलू उपाए ही अपनाना चाहिए लेकिन अगर ज्यादा पारेशानियो का सामना करना पड़े तब तुरंत चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए-

  • खूब पानी पीये - शरीर को खाद्य पदार्थों और पेय पदार्थों से कुशलतापूर्वक पोषक तत्वों को पचाने के लिए पानी की आवश्यकता होती है। पानी की कमी होने से पाचन अधिक कठिन और कम प्रभावी होता है, जिससे पेट खराब होने की संभावना बढ़ जाती है।
  • लेटने से बचना - जब शरीर क्षैतिज (Horizontal) होता है, तो पेट में एसिड पीछे की ओर यात्रा करने और ऊपर की ओर बढ़ने की अधिक संभावना होती है, जिससे नाराज़गी (Heartburn) हो सकती है।
  • नींबू का रस, बेकिंग सोडा, और पानी - कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि एक चुटकी बेकिंग सोडा के साथ पानी में नींबू का रस मिलाकर पीने से कई तरह की पाचन संबंधी शिकायतें दूर हो सकती हैं।
  • लौंग, दालचीनी, जीरा का उपयोग करने से
  • गर्म स्नान करना या हीटिंग बैग का उपयोग करना
  • अदरक, पुदीना का उपयोग करने से
  • नारियल पानी पेट से जुड़ी समस्या के लिए बहुत लाभदायक है
  • पचने में मुश्किल खाने से परहेज

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